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शुक्रवार, 26 अगस्त 2016

406....आज का यह पृष्ठ कृष्ण मय हो गया है

सादर अभिवादन..

भगवान श्री कृष्ण का जन्म आधी रात को 
भारी बारिश के बीच हुआ
सब ताल-तलैया नदी-नाले लबालब थे
ऐसे में वसुदेव जी भगवान को सूप में रखकर
जमना जी को पार किए..
सोचिए प्रभु की लीला...कितनी न्यारी
आज का यह पृष्ठ कृष्ण मय हो गया है

भाई कुलदीप जी आज लौटेंगे दिल्ली से
आज मेरी पसंद....

सुनो राधा तुम हो हमरी नजरिया 
तुम्ही को सोचूं मैं सुबह शामरिया 
कैसे तुमको बताऊँ कैसे ये समझाऊँ 
जल्दी ही आऊंगा मैं वृन्दावन नगरिया 
जबसे हुआ है तुमसे प्यार ओ कन्हैया.

मथुरा को पहले मधुपुरी भी कहा जाता था। कहते हैं, इसे मधु नामक दैत्य ने बसाया था। 
कालांतर में यह शूरसेन राज्य की राजधानी बनी और उसी 
वंशानुक्रम में उग्रसेन के आधिपत्य में आयी। 


जपे राधा जपे मीरा ,,दिवानी वो कन्हैया की ,,
कभी यमुना किनारे पर कभी डारन बसैया भी ,,
कभी गोपी रिझाये वो, कभी ममता सताये वो ,,
गजब धेनू चरैया वो ,,वही मुरूली बजैया भी ||

जन्मे कृष्ण कन्हैया..............कंचन प्रिया
ए बुआ आओ ज़रा काजल लगाओ
नज़र ना लग जाये भईया
जन्मे कृष्ण कन्हैया


कविता की मौत........धर्मवीर भारती 
याद आती है मुझे
भागवत् की वह बड़ी मशहूर बात
जबकि ब्रज की एक गोपी
बेचने को दही निकली,
औ' कन्हैया की रसीली याद में
बिसर कर सुध-बुध
बन गई थी खुद दही.
और ये मासूम बच्चे भी,
बेचने जो कोयले निकले
बन गए खुद कोयले
श्याम की माया

प्रलय... डॉ. जेन्नी शबनम
नहीं मालूम कौन ले गया
रोटी को और सपनों को
सिरहाने की नींद को
और तन के ठौर को
राह दिखाते ध्रुव तारे को

........
कल जन्म तो हो गया
गोकुल में आज धूम मची है
खील-बताशे
दूध-दही-माखन
लूटा व बांटा जा रहा  है
और रायपुर में
दही-लूट के लिये टोलिया सज-संवर रही है
आज्ञा दें यशोदा को..
इसे तो कल देना था खैर..
सादर














4 टिप्‍पणियां:

  1. बड़ी ही उत्तम श्री कृष्ण मय चर्चा
    मुझे स्थान देने के लिए सादर धन्यवाद
    जय श्री कृष्ण

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    बहुत सुंदर
    हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर कृष्ण मय हलचल प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं

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