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सोमवार, 20 जुलाई 2015

चलिए आज चलते हैं ग्रेट ब्रिटेन...

आज मात्र बारह घरों में दस्तक दी पर ताज्जुब की सैंतीस व्यू हुए
जैसे-जैसे फॉलोव्हर बढ़ेंगे वैसे-वैसे व्यू भी बढ़ेगा
चलिये चलते हैं आज के पांच लिंक्स की ओर....

ब्रिटेन में १३ साल के बाद कुछ सिमित घंटों एवं बच्चों के हित में 
कुछ शर्तों के साथ उन्हें पार्ट टाइम काम करने या कार्यानुभव लेने की इजाजत है. अत: इन बच्चों को इनकी उम्र के मुताबिक स्कूल के समय और पढाई के अलावा उनकी रूचि और आगे के कैरियर से सम्बंधित असली ऑफिस या काम की जगह पर जाकर कुछ समय कार्यानुभव लेने के लिए उत्साहित किया जाता है. 


मुझे आकाश भी खुल कर खुला दे

कदम दो साथ मिल कर चल न पाया
वफ़ा के उस पुजारी को भुला दे


टपटप टपकतीं झरझर झरतीं
धरती तरवतर होती
गिले शिकवे भूल जाती
हरा लिवास  धारण करती | 


व्यथित हूँ,
क्षुब्ध हूँ, 
क्या हृदय ही जीवन है ?


पाने में उम्र गुज़र जाती है 
इतनी सी बात खुद भी समझो 
और औरों को भी समझाओ

आज मेरी पसंद के पांच लिंक पेशे-खिदमत है

लेकर के मेरा नाम मुझे कोसता तो है,
नफरत ही सही, पर वह मुझे सोचता तो है…

इज़ाज़त दें
यशोदा










11 टिप्‍पणियां:

  1. उम्दा लिंक्स व् संयोजन उनका यशोदा जी |
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  2. कारवां यूँ ही बढ़ता रहेगा ...
    सुन्दर हैं सभी लिंक्स ... आभार मेरी ग़ज़ल को भी जगह देने का ...

    जवाब देंहटाएं
  3. देरी के लिए माफ़ी.अब लिंक्स पर जा रही हूँ मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. दिगम्बर जी का टिप्पणी बॉक्स नहीं खुलता है बहुत बार पहले भी कोशिश कि है बस ओपनिग ही लिख कर आता है

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. गूगल+ का टिप्पणी डब्बा ज़रा देर से खुलता है दीदी

      हटाएं
    2. मेरा अनुभव भी रचना जी जैसा ही है. दिगंबर जी के यहाँ टिप्पणी नहीं हो पाती काफी समय से. उनका मैल आई डी भी नहीं है जिससे कि उन्हें सूचित किया जा सके.

      हटाएं
  5. उत्तर
    1. दीदी....
      आपका ये आलेख
      मैं कल नवभारत के रविवारीय विशेषांक में भी पढ़ी
      और कल ही आपका ये ब्लाग भी दिखा
      अच्छा लगा...आप आई यहाँ
      सादर...
      ..यशोदा

      हटाएं

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